Love Vashikaran Mantra in Hindi

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दूसरों को वश में करके अपनी स्वार्थपूर्ति की भावना सदैव मनुष्यों के मन में रही है। यही कारण है कि वे पति/पत्नी, स्वीत्युरुष, प्रेमी-प्रेमिका तथा शत्रुओं एवं अधिकारियों को वश में करके अपना काम निकालने का प्रयत्न करते हैं। हमारे प्राचीन ग्रंथों तथा तंत्र शास्त्रों में वशीकरण का व्यापक रूप से उल्लेख किया गया है। इनमें मंत्रों का विशेष स्थान है। मंत्रों में देवता विशेष की शक्ति निहित होती है। इसीलिए इनका पाठ करने से हमारे ऊपर उनकी कृपा रूपी वर्षा होने लगती है। इस अध्याय में हम मंत्रों द्वारा वशीकरण की चर्चा कर रहे हैं। इनमें आकर्षण एवं सम्मोहन के मंत्रों का भी यथास्थान उल्लेख है। स्त्री/पुरुष, प्रेमी-प्रेमिका, पति/पत्नी अथवा अपने अधिकारियों, पड़ोसियों एवं शत्रुओं को वशीभूत करने के लिए निम्नवत चमत्कारी मंत्रों का उपयोग किया जा सकता है।

० नीचे प्रस्तुत किए जा रहे मंत्र को 31 दिनों तक 324 बार जपने से यह सिद्ध हो जाता है। इसके बाद जिस स्थान पर जाएं, वहां के चौराहे की धूल लेकर 7 बार निम्नवत मंत्र पढ़कर उसे माथे पर लगा लें। अब आपको जो भी देखेगा, वह आपके वश में हो जाएगा।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ नमो आदेश गुरु को। राजा मोह प्रजा मोह, मोहू ब्राह्मण बनियां। हनुमंतरूप में जगत मोहू तो रामचंद्र मणि मणियां गुरु की शक्ति मेरी भक्ति, कुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।


० अगर किसी को अपने वश में करके अपना कोई कार्य कराना है तो 9 दिन लगातार स्नान करके गीले कपड़े पहने हुए ही एक निर्धारित स्थान पर खड़े होकर श्रद्धापूर्वक निम्नवत मंत्र का 1०8 बार जप करें।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ चैतन्य गोरक्षनाशाय नम:, ॐ चैतन्य-कानिफ-नाधाय नम:, ॐ चैतन्य-मच्छिन्द्रनाधाय नम:।


० अग्रलिखित मंत्र को 31 बार पढ़कर देशी मीठा पान अभिमंत्रित करके जिसे भी खिलाएंगे, वही आपके वश में हो जाएगा।
मंत्र इस प्रकार है-
हरे पान, हरियाले पान। चिकनी सुपारी, श्वेत खैर। दाहिने कर चूना, मोहि लेय। पान हाथ में देय, हाथ रस लेय। पेट दे, पेठ रस लेय। श्री नरसिंह वीर। तुम्हारी शक्ति, मेरी भक्ति। फुरो मंत्र, ईश्वर महादेव की वाचा।


० सूर्य या चंद्रग्रहण के दिन से नित्य 1० दिनों तक निम्नवत मंत्र का जप 1०8 बार करें। जपकाल में देशी घी, गुग्गुल तथा देशी कपूर से धूनी दें। इससे मंत्र सिद्ध हो जाएगा। फिर गोरोचन को निम्नवत मंत्र द्वारा 21 बार अभिमंत्रित करके माथे पर तिलक लगाएं। अब आप जिस व्यक्ति के पास जाएंगे, वह आप पर मोहित हो जाएगा।
यह मंत्र नीचे दिया जा रहा है-
मोहन-मोहन क्यों करे? मोहन मेरा नाम। भीत पर तो देवी खड़ी। मोहों सारा गांव, राजा मोहों, प्रजा मोहों, मोहों गणपत राय। तेंतीस कोटि देवता मोहों। नर कहां पर जाएं? दुहाई ईश्वर महादेव, गौरा पार्वती, नैना योगिनी, कामरू कामाक्षी की।


० कामाक्षी अथवा योनि का ध्यान करके निम्नलिखित मंत्र की 21 माला जपने से इच्छित स्त्रीपुरुष का वशीकरण होता है।
मंत्र इस प्रकार है-
ऐं भग- भुगे भगनि भगोदरि भग-माले योनि- भग-निपातिनी सर्व- भग- वशकरि भग-रूपे नित्यक्लैं भग-स्वरूपे। सर्व- भगानि में वशमानय। वरदे रेते सु-रेते भग-क्लिन्ने। क्लीं न द्रवे! क्लेदय द्रावय अमोघे। भग-विधे। क्य क्षोभय सर्व-सत्वान्। भगेश्वरी ऐं क्तं जै क्यूं भै ज्यूं मो न्तं हे हे विलने.! सर्वाधिक भगानि तस्मै नम:।


० किसी भी मीठी वस्तु को नीचे दिए गए मंत्र द्वारा 1०8 बार अभिमंत्रित करके इच्छित व्यक्ति को खिला दें। वह सम्मोहित हो जाएगा।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ नमो भगवते मदन मोह मये पंच भूत मोहिनी। चतुविध जीव गलनु मोहिसु मोहिसु। तन्नो नो उदकेण तुरित व्यतलिन्नकाणा कालुकै। प्याउदे कल बहु दिवोडि वरील वार विरह। महा-मायाणे काल भैरव-गणे ब्रह्मा- विष्णु-महेश्वरणे श्रीराम इंतना। ख्सीं मोहिनी मोहिसुमोहिसु। निनेगे निनाणे मीहिसु ॐ गुरु प्रसादं।


० सबसे पहले निम्नलिखित मंत्र का सवा लाख बार जप करके इसे सिद्ध कर लें। फिर प्रयोग के समय इसे 31 बार जप कर चंदन को अभिमंत्रित करके ललाट पर तिलक करें। इससे पूरा जग मोहित हो जाएगा।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ उहुामरेश्वराय सर्वजगन का ही नाम हुं फर स्वाहा।


० किसी भी दिन सायंकाल खाने-पीने की किसी वस्तु को अगले पृष्ठ पर दिए गए मंत्र द्वारा 7 बार अभिमंत्रित करके मनचाही स्त्री अथवा पुरुष को खिलाने- पिलाने से उसका वशीकरण हो जाएगा।
मंत्र अग्रलिखित है-
कहे कमिख्या सुनहु ललजार जर! पेड़ पात सब तुमरो मलिनी, पाल पात जलय के भस्मत कीनो। पुन वह क्षार महादेव ने लई। अब तुमको प्रतिष्ठा भई। ग्रह-विचार बेगे तुम आप जिमि क्षार लगावो धाए। छिन इक में बस होय हमारे, तन-मन से पग परत विचारे। मेरी भगत, गुरु की सकत। फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।


० सबसे पहले तीन पत्ती वाले 1०8 बिल्वपत्र ले आएं। सबको गंगाजल से धोकर पवित्र करें। इसके बाद मिट्टी का शिवलिंग तैयार करके एक बार निम्नवत मंत्र पढ़कर एक बिल्वपत्र शिवलिंग पर चढ़ाए। इसी प्रकार 1०8 बार निम्नोक्त मंत्र पढ़कर 1०8 बिल्वपत्र चढ़ाए। तदोपरांत सभी बिल्वपत्रों को किसी नदी में प्रवाहित कर दें। इससे मंत्र सिद्ध हो जाएगा। इसके पश्चात किसी भी दिन काले धतूरे के रस में गोरोचन मिलाकर श्वेत कनेर की टहनी से भोजपत्र पर निम्नवत मंत्र लिखें। ‘ अमुकस्य ‘ की जगह इच्छित स्त्री या पुरुष का नाम लिखें और बोलें। इच्छित स्त्री या पुरुष आपकी ओर आकर्षित हो जाएगा।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ नम: कामाक्षाय महाशक्तिरूपाय ‘ अमुकस्य ‘ आकर्षण कुरू कुरू हीं कीं श्री फट् स्वाहा।


० शुभ दिन एवं शुभ लग्न में सूर्योदय के पश्चात उत्तर दिशा की ओर मुंह करके मूंगे की माला द्वारा निम्नवत मंत्र का जप शुरू करें। नित्य 31 दिनों तक 3 – 3 माला का जप करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है। इसके बाद प्रयोग के समय वशीकरण तंत्र की किसी भी वस्तु को इसी मंत्र द्वारा 21 बार अभिमंत्रित करके इच्छित व्यक्ति पर प्रयोग करें। मंत्र में ‘ अमुक ‘ के स्थान पर इच्छित व्यक्ति का नाम बोलें। वह व्यक्ति आपके वश में हो जाएगा।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ नमो भास्कराय त्रिलोकात्मने ‘ अमुक ‘ महीपति मे वश्य कुरू कुरू स्वाहा।


० किसी भी दिन रात्रिकाल स्नानोपरांत निम्नवत मंत्र का 1०8 बार जप करने से इच्छित व्यक्ति का आकर्षण हो जाता है। मंत्र में ‘ अमुक ‘ के स्थान पर इच्छित व्यक्ति का नाम बोलें।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ नमो भगवते श्रीसूयार्यहींसहस्त्र-किरणायऐं अतुल-बल-पराक्रमाय नवग्रह वश दिक्पाल-लक्ष्मी देववाय धर्म-कर्म सहितायै ‘ अमुक ‘ नाथय नाथय मोहय मोहय आकर्षय आकर्षय दासानुदार्स कुरू कुरू वश कुरू कुरू स्वाहा।


० नित्य 11 दिनों तक निम्नवत मंत्र की 11 माला का जप करके इसे सिद्ध कर लें। फिर प्रयोग के समय दूध या दूध से बने पदार्थ पर 2 ? बार यह मंत्र पढ़कर जिसे वह वस्तु खिला-पिला देंगे, वह सम्मोहित हो जाएगा। मंत्र में ‘ अमुक ‘ के स्थान पर इच्छित स्त्री या पुरुष का नाम बोलें।
मंत्र अग्रलिखित है-
ॐ पीर बजरंगी, राम-लक्ष्मण के संगी। जहां-जहां जाय, जीत का डंका बजाय। ‘ अमुक ‘ को मोह के, मेरे पास न लाए तो अंजनि माता का पूत न कहाय। दुहाई राम-जानकी की।


० जिस स्त्री या पुरुष के सामने खड़े होकर निम्नवत मंत्र का 216 बार उच्चारण किया जाएगा, वह वशीभूत हो जाएगा। मंत्र में ‘ अमुक ‘ के स्थान पर इच्छित स्त्री या पुरुष का नाम बोलें।
मंत्र इस प्रकार है-
सकोरे में, तांबे में, शीशे में, पानी में, सीपी में, कीड़ा मरे, वश मैं हरे। पारबती के वचन न टो। ‘ अमुक ‘ को वश में करे, नहीं तो महादेव के त्रिशूल के चोट न खा लें। जय शंकर भगवान। सत गुरु, सत कबीर।


० नए खरीदे गए ‘ सुंदरकांड ‘ में देशी गुलाब का एक पुष्प रखकर पुस्तक को उलटा करके रख दें यानी मुख्य पृष्ठ नीचे कर दें। तत्पश्चात 25० ग्राम कटी हुई सुपारी से हवन करें। इस प्रयोग से तीव्र आकर्षण होता है। ‘ अमुक ‘ के स्थान पर इच्छित स्त्री या पुरुष का नाम बोलें।
मंत्र इस  प्रकार है-
ॐ ‘ अमुक ‘ नाश्ता ॐ नमो वायुसूनवे झटिति आकर्षय आकर्षय स्वाहा।


० किसी भी स्त्री या पुरुष को मोहित, आकर्षित अथवा अपने वश में करने के लिए रोजाना सायंकाल 1०8 बार निम्नवत मंत्र का जप प्राण-प्रतिष्ठित स्फटिक की माला से करें।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ नमो मोहिनी महामोहनी अमृत वासनी ऐं नमो सिद्धि। गुरु के पाय जा!। अर्जुन के वान। धनेश्वरी की माटी बन्धो। घाउन बन्धो। पाटि मेरि, भक्ति गुरु की कुरो मंत्र ईश्वरो वाचा।


० यदि किसी व्यक्ति से कोई कार्य लेना हो तो उसे देखते हुए निम्नलिखित मंत्र का 1०० बार जप करें। इसके बाद उससे बातचीत करें। आप जो भी कहेंगे, वह उसे करने को तैयार हो जाएगा।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ हुं फटयु।


० निम्नवत मंत्र पति को वश में करने के लिए कारगर है। इस मंत्र का सवा लाख बार जप करने पर यह सिद्ध हो जाता है। प्रयोग के समय इस मंत्र का 1०8 बार जप करें। इससे निःसंशय पति का वशीकरण होता है।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ भुज ते महिषासुर मारि, औ शुभ-निशुभ दोऊ दल थम्बा। आरत हेतु पुकारत हौं, जाइ कहां बैठी जगदम्बा। खड़ग टूटो कि खप्पर फूटो कि सिंह अको, तुमरो जगदम्बा। आज तोहे माता भक्त शपथ, बिनु शांति दिए जानि सोवहु अम्बा।


० अगले पृष्ठ पर दिए गए मंत्र को सवा लाख बार जपने से यह सिद्ध हो जाता है। फिर प्रयोग के समय इस मंत्र का जप 1०8 बार करें। इसके द्वारा सैकड़ों मील दूर व्यक्ति को भी अपनी ओर आकर्षित किया जा सकता है। मंत्र में ‘ अमुकस्य ‘ की जगह इच्छित स्त्री या पुरुष का नाम बोलें।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ नमो आदिपुरुषाय ‘ अमुकस्य ‘ आकर्षण कुरू कुरू स्वाहा।


० नीचे प्रस्तुत किए जा रहे मंत्र का सवा लाख जप 41 दिनों में पूर्ण करें। उसके पश्चात इसे भोजपत्र पर लिखकर अपने पास रख लें जिससे समस्त लोग आकर्षित हो जाते हैं।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ हीं स्वाहा।


० कामिया सिंदूर, शुद्ध केसर तथा रक्त चंदन-तीनों को मिलाकर उसकी स्याही बनाएं। फिर एक भोजपत्र पर उस स्याही से एक गुड़िया का चित्र बनाकर धूप-दीप द्वारा उसकी पूजा करें। इसके बाद निम्नवत मंत्र से अभिमंत्रित खैर की लकड़ी, कहेरी के पुष्प, गुग्गुल तथा देशी घी द्वारा 1०8 बार आहुति दें। इससे इच्छित स्त्री या पुरुष आपकी ओर आकर्षित होकर वश में हो जाएगा। ‘ अमुक ‘ की जगह इच्छित व्यक्ति का नाम बोलें।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ हीं क्लीं ‘ अमुक ‘ आकर्षय मम वश्य कुरू कुरू स्वाहा।


० निम्नवत मंत्र का सवा लाख बार जप करने से यह सिद्ध हो जाता है। प्रयोग के समय स्नानादि से पवित्र होकर इस मंत्र का 11०8 बार जप करें। इससे सारा जग मोहित हो जाता है।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ नमो भगवते रुद्राय सर्वजगमोहनं कुरू कुरू स्वाहा।


० पति को वश में करने के लिए शुभ मुहूर्त में निम्नवत मंत्र का जप 51 दिनों तक नियमित रूप से प्रतिदिन् 11०8 बार करें।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ अस्य श्री सुरी मंत्रस्वार्थवर्ण ऋषि इति शिपस स्वाहा।


० नीचे दिए गए मंत्र का सवा लाख बार जप करने से यह सिद्ध हो जाता है। प्रयोग के समय इसे 1०8 बार जपना चाहिए। ‘ अमुक ‘ के स्थान पर इच्छित व्यक्ति का नाम बोलें। वह आपके वश में हो जाएगा
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ नमो महायक्षिण्यै ‘ अमुक ‘ मे वश्य कुरू कुरू स्वाहा।


० जंगली ओंगे का रस निकालकर निम्नवत मंत्र द्वारा 1०8 बार अभिमंत्रित कर लें। फिर इस रस को शस्त्र पर लेप करके शत्रु के समक्ष जाएं। शत्रु आपको देखते ही वश में हो जाएगा। मंत्र में ‘ अमुक ‘ के स्थान पर अपने शत्रु का नाम बोलना चाहिए।
यह मंत्र इस प्रकार है-
ॐ नमो महाबल महापराक्रम शस्त्र विद्या विशारद ‘ अमुक ‘ भुजबल बन्धयबन्धयदृष्टिस्तम्भयस्तम्भय अंगानि मूनय त्यपातयपातयमहीतले हुं।


० मूल नक्षत्र में चौके का कच्चा जल बबूल के पेड़ की जड़ में डालकर 41 दिनों तक नित्य अग्रलिखित मंत्र का 11०8 बार जप करें। यह दिन जल न डालने पर बबूल के वृक्ष का भूत सामने उपस्थित होकर जल मांगेगा। ऐसे में भूत से अपने किसी भी कार्य को संपन्न कराने का वचन लें। इस प्रकार वह आपके वश में हो जाएगा। अब जब तक आप बबूल के पेड़ में जल देते रहेंगे तब तक वह आपके वश में रहेगा। यह प्रयोग किसी योग्य तांत्रिक के निर्देशन में ही करना चाहिए। प्रयोग के समय सुरक्षा कवच धारण करें।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ अं अं कं व भुं भूतेश्वरी मम वश्य कुरू कुरू स्वाहा।


० सर्वप्रथम निम्नलिखित मंत्र को 1०8 बार जप करके सिद्ध कर लें। फिर प्रयोग के समय इस मंत्र द्वारा किसी मिठाई को 11 बार अभिमंत्रित करके जिसे भी खिलाएंगे, वह तुरंत वश में हो जाएगा।
मंत्र इस प्रकार है-
पान पढ़ि खिलावे। त्रिया जोरि बिसरावे। क्षीइर त्रिया तोरा साथ नहि जावे। नाग वाटे, नागिन फेन काले। तोर मुख नहित जाएवो। रे नागा! दोहाई गुरु नानक शाही का। दोहाई डाकिन का।


० नीचे दिए गए मंत्र द्वारा थोड़ी सी सुपारी को 216 बार अभिमंत्रित करके इच्छित व्यक्ति को खिला दें। वह वश में हो जाएगा।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ भुज ते महिषासुर मारो, शुभ-निशुभ हत्यो बल- थम्बा। सेवक को प्रण राख ले मात। भई पर-मंत्र तु ही अवलम्बा। आहत होय पुकारत हौं, कर ते तरवार गहो जगदम्बा। आनि तुम्हें शिव विष्णु की, जनि शत्रु बधे बिन सोवदु अम्बा।


० निम्नवत मंत्र को 1०8 बार जप कर एक बीड़ा पान अभिमंत्रित करके इच्छित व्यक्ति को खिला दें। वह वश में हो जाएगा।
मंत्र इस प्रकार है-
पान मंगाह पनागर ले, सत-लोक ले, जल बैकुण्ठ ले। श्री-फल, मंगा के परवाना देर्थो, अस्थिर हो जा।


० इच्छित स्त्री का नाम शुद्ध गोरोचन द्वारा कमलपत्र पर लिखकर उसे निम्नवत मंत्र से अभिमंत्रित करें। फ्रिर उसका तिलक अपने मस्तक पर लगाकर उस स्त्री के पास जाएं। वह आपके वश में हो जाएगी।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ हीं जलजा जल्यं ठः ठः ठः ध्यँ हीं नम:।


० सूर्य या चंद्रग्रहण के समय पूजा वाली 7 छोटी सुपारी लेकर उसे निम्नवत मंत्र द्वारा 11०8 बार अभिमंत्रित करें। फिर जिसको भी वह सुपारी खिला देंगे, वह आपके वश में हो जाएगा।
मंत्र इस प्रकार है-
ॐ नमो सुपारी काम निगारी राजा प्रजाखरी पियारी, मंत्र पढ़ि लगा ॐ तोहि हिया कलेजा लावे तोहि जीवता चाहे पगलतली सूवा संग मशान। सो स्रश्य न होय तो यती हनुमान की आन, शब्द सांचा पिंड फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा, सत्य नाम आदेश गुरु का। ॐ ॐ ॐ




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